Suzlon या IREDA: 2030 तक कौन बनेगा किंग?
Introduction
बहुत से निवेशक ग्रीन एनर्जी सेक्टर में निवेश करना चाहते है लेकिन वे यह तय नहीं कर पाते की IREDA या Suzlon Energy में से किसमें निवेश करें। इस लेख में हम इन दोनों कंपनियों की तुलना करेंगे ताकि आप बेहतर निर्णय ले सकें।
Future Plans
IREDA ने 2030 तक 5 मिट्रिक तन हाइड्रोजन ऊर्जा का उत्पादन और भंडारण करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही बैटरी विनिर्माण और ऊर्जा भंडारण के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। अनुमान के अनुसार 2030 तक 400 गीगावाट एनर्जी की आवश्यकता होगी।
वहीं Suzlon Energy पवन ऊर्जा के क्षेत्र में प्रमुख है। उन्हें हाल ही में Juniper Green Energy से 402 मेगावाट का ऑर्डर मिला है। राजस्थान में भी एक पवन ऊर्जा प्लांट लगाने की योजना है। एक्सपर्ट्स के अनुसार Suzlon Energy में तेजी आ सकती है।
Price History
IREDA नवंबर 2023 में भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी। लिस्टिंग के समय इसका भाव 60 रुपए था और एक साल में इसने 257% का रिटर्न दिया है।
Suzlon Energy 2005 से भारतीय शेयर बाजार में है। 2008 में इसका शेयर 330 रुपए पर ट्रेड कर रहा था। बाद में गिरावट आई लेकिन हाल के वर्षों में इसमें तेजी आई है। एक साल में Suzlon ने 235% का रिटर्न दिया है।
Target Price 2030
IREDA का ROE 14% से अधिक है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2025 तक इसका टारगेट 220 रुपए है और 2030 तक यह 3 गुना हो सकता है।
Suzlon Energy ने अपने उपकरणों में तकनीकी विकास किया है। एक्सपर्ट्स के अनुसार 2025 तक इसका टारगेट 60-62 रुपए और 2030 तक 8-10 गुना मुनाफा कमा सकते हैं।
Conclusion
दोनों कंपनियां ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। IREDA हाइड्रोजन और सोलर ऊर्जा पर फोकस कर रही है जबकि Suzlon Energy पवन ऊर्जा में अग्रणी है। निवेशक अपनी पूंजी और जोखिम को ध्यान में रखते हुए निवेश का निर्णय ले सकते हैं।
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